The Definitive Guide to Aise Kyun Lyrics in Hindi

रंक राव में भेद हुआ है कभी नहीं मदिरालय में,

राज्य उलट जाएँ, भूपों की भाग्य सुलक्ष्मी सो जाए,

'किस पथ से जाऊँ?' असमंजस में है वह भोलाभाला,

ऋषि सा ध्यान लगा बैठा है हर मदिरा पीने वाला,

मेंहदी रंजित मृदुल हथेली पर माणिक मधु का प्याला,

ज्ञात हुआ यम आने को have a peek at these guys है ले अपनी काली हाला,

समझ न लेना इससे मुझको साधारण पीने वाला,

भर भरकर है अनिल पिलाता बनकर मधु-मद-मतवाला,

मेरी जीव्हा पर हो अंतिम वस्तु न गंगाजल हाला,

यज्ञ अग्नि सी धधक रही है मधु की भटठी की ज्वाला,

किसी ओर मैं आँखें फेरूँ, दिखलाई देता प्याला,

भरी हुई है जिसके अंदर कटु-मधु जीवन की हाला,

इन्द्रधनुष से होड़ लगाती आज रंगीली मधुशाला।।१२।

कोई भी हो शेख नमाज़ी या पंडित जपता माला,

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