5 Simple Statements About Aise Kyun Lyrics Explained

भरकर अब खिसका देती है वह मेरे आगे प्याला,

नहीं जानता कौन, मनुज आया बनकर पीनेवाला,

प्राण प्रिये यदि श्राध करो तुम मेरा तो ऐसे करना

और रसों में स्वाद तभी तक, दूर जभी तक है हाला,

कर ले, कर ले कंजूसी तू मुझको देने में हाला,

पीड़ा में आनंद जिसे हो, click here आए मेरी मधुशाला।।१४।

अपने अंगूरों से तन में हमने भर ली है हाला,

ध्यान मान का, अपमानों का छोड़ दिया जब पी हाला,

हरा भरा रहता मदिरालय, जग पर पड़ जाए पाला,

यम ले चलता है मुझको तो, चलने दे लेकर हाला,

जलतरंग बजता, जब चुंबन करता प्याले को प्याला,

कितने अरमानों की बनकर कब्र खड़ी है मधुशाला।।८९।

पीकर जिसको चेतनता खो लेने लगते हैं झपकी

कहाँ ठिकाना मिलता जग में भला अभागे काफिर को?

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